हमारे सुमसाचार की सुरक्षा और पुष्टि में, हरेक को सटीक रूप से जबाब देने की अत्यावश्यक जरूरत है जो उस आशा का लेखा-जोखा मांगते हैं जो हम मे है। सुसमाचार के विषय में सवालों के जबाब सत्य पर आधारित होने चाहिएं और विश्वास में बोले जाने चाहिएं। 1934 में वॉचमैन नी ने सुसमाचार से संबन्धित पचास साधारण सवालों को मुद्रित किया। अपने उत्तरों में, वे सुसमाचार को प्रस्तुत करने के एक सहायक बुनियाद को एक इस तरीके से प्रदान करते हैं जो उनको जीवन प्रदान करता है जो सुनते हैं। इन सवालों और जबाबों में सम्मिलित विषय धार्मिकता और क्षमा से लेकर उद्धार और पाप तक फैले हैं। व्यवस्था , अनुग्रह, मसीह का लहू, और मसीह के छुटकारे के कार्य से संबन्धित वॉचमैन नी के महत्वपूर्ण बाइबल संबन्धी संदर्भ विशेष रूचि उत्पन्न करने वाले हैं। सुसमाचार पर प्रश्न विश्वासियों को सत्य से सुसज्जित करने के लिए एक लाभदायक स्रोत है और उन्हें इन सत्यों को प्रभु के खोजियों में प्रदान करने के लिए समक्ष बनाता है।
In our defense and confirmation of the gospel, there is the pressing need to accurately answer everyone who asks for an account of the hope which is in us. Answers to questions concerning the gospel must be rooted in truth and spoken in faith. In 1934 Watchman Nee printed a collection of fifty common questions related to the gospel. In his answers, he provides a helpful foundation for presenting the truth of the gospel in a way that imparts life to those who hear. The topics included in these questions and answers range from righteousness and forgiveness to salvation and sin. Of particular interest are Watchman Nee’s explanations of important scriptural references related to law, grace, the blood of Christ, and the redemptive work of Christ. Questions on the Gospel is a useful resource for equipping believers with the truth and enabling them to impart these truths into the Lord’s seekers.
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